निर्माण श्रमिको के लिए व्यावसायिक ऋण पर ब्याज के पुर्नभरण योजना
निर्माण श्रमिको के लिए व्यावसायिक ऋण पर ब्याज के पुर्नभरण योजना –
इस योजना का उद्देश्य भवन एवं अन्य संनिर्माण कार्यो में नियोजित पंजीकृत हिताधिकारियो द्वारा व्यवसाय हेतु
वित्तीय संस्थाओ/बैंक से लिए गए ऋण मे ब्याज देयता के बाझे से मुक्त करना है।
पात्रता एवं शर्ते –
- इस योजना के लिए वे निर्माण श्रमिक पात्र होगे, जो हिताधिकारी के रूप में मण्डल में पंजीकृत है तथा निरन्तर अंशदान जमा करा रहे हैं।
- निर्माण श्रमिको द्वारा व्यावसायिक ऋण के संबंध में प्राप्त होने वाले आवेदनों को मण्डल द्वारा वित्तीय संस्थान को नियमानुसार कार्यवाही करने हेतु अग्रेषित किया जा सकता है।
- योजना के अन्तर्गत निर्माण श्रमिको के द्वारा स्वयं के व्यवसायिक कार्य जैसे मशीन आदि खरीदने अथवा आत्मनिर्भरता की दृष्टि से अधिकतम 5 लाख रूपये तक बैंक/वित्तीय संस्थान से लिये गए ऋण की स्वीकृति होना आवश्यक है।
- दुकान/भू-खण्ड/वाहन अथवा घरेलू सामान क्रय करने हेतु लिये गये लिये गए ऋण पर योजना के अन्तर्गत सहायता राशि देय नहीं है।
- 5 लाख रूपये तक लिये गये व्यवसायिक ऋण पर देय वार्षिक ब्याज का पुनर्भरण उसी स्थिति में किया जायेगा, जब हिताधिकारी द्वारा वित्तीय संस्था को प्रतिवर्ष ब्याज चुकाये जाने के आशय का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करेगा।
- हिताधिकारी के द्वारा ब्याज का भुगतान निर्धारित समय में नहीं करने अथवा वित्तीय संस्था द्वारादण्ड/जुर्माना लगाये जाने पर जुर्माना राशि का पुनर्भरण मण्डल द्वारा नहीं किया जायेगा।
- एक समय में पंजीकृत हिताधिकारी की पत्नी/पति में से एक के द्वारा ही लिए गए ऋण पर यह योजना प्रभावी होगी।
- हिताधिकारी द्वारा योजना के अन्तगर्त प्रस्तुत सहायता आवदे न में दी गई सूचनाओ में कोई तथ्य असत्य पाया जाता है, तो योजनान्तर्गत स्वीकृत समस्त सहायता राशि एक मुश्त मय ब्याज के जमा कराने का उत्तरदायित्व संबंधित हिताधिकारी का होगा।