निर्माण श्रमिक शिक्षा व कौशल विकास योजना
निर्माण श्रमिक शिक्षा व कौशल विकास योजना –
इस योजना का उद्देश्य मण्डल की शिक्षा व कौशल विकास की विद्यमान 3 योजनाओं (शिक्षासहायता (छात्रवृत्ति) योजना, मेधावी छात्र/छात्राओं को नगद पुरस्कार योजना तथा कौशल शक्तियोजना) को एकीकृत कर तथा देय हितलाभ में अभिवृद्धि कर निर्माण श्रमिकों/हिताधिकारियों केबच्चों की शिक्षा व कौशल विकास को प्रोत्साहित करने की एकीकृत योजना बनाकर लागू करना है।
इस योजना के अन्तर्गत छात्र/छात्राओं को निम्न दर से छात्रवृति/प्रोत्साहन राशि देय होगीः

पात्रता एवं शर्ते –
- इस योजना में छात्रवृति/प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने के लिए निम्न पात्रता व शर्तें निर्धारित की जाती हैः-
- मण्डल में हिताधिकारी के रूप में पंजीकृत निर्माण श्रमिक होंगे।
- हिताधिकारी के पुत्र/पुत्री/पत्नि ही शिक्षा सहायता (छात्रवृत्ति) योजना के लिए पात्र होंगे।
- हिताधिकारी की अधिकतम दो संतान अथवा एक संतान एवं पत्नी को ही छात्रवृत्ति प्राप्त करने कीपात्रता
- होगी, परन्तु यदि पति-पत्नि दोनों पंजीबद्ध हिताधिकारी हों तो पति-पत्नि के अधिकतम दो बच्चों को छात्रवृत्ति की पात्रता होगी। परन्तु मेधावी छात्र/छात्राओं को नगद पुरस्कार के लिए कोई सीमा नहीं होगी।
- कक्षा 6 से स्नातकोत्तर स्तर की कक्षा में सरकारी या केन्द्र/राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त निजी स्कूल या महाविद्यालय में नियमित रूप से अध्ययनरत हो अथवाराज्य में संचालित सरकारी या मान्य निजी आईटीआई एवं पॉलीटेक्नीक पाठ्यक्रम में नियमित अध्ययनरत हो।
- मेधावी छात्र-छात्रा द्वारा नगद पुरस्कार प्राप्त करने के लिए कक्षा 8 से 12 वीं तक की परीक्षा 75 प्रतिशत अंक या समकक्ष ग्रेड में उत्तीर्ण की हो। डिप्लोमा, स्नातक व स्नातकोत्तर स्तर की परीक्षा में (चिकित्सा, इंजिनियरिंग या अन्य प्रोफेशनल परीक्षा सहित) 60 प्रतिशत या अधिक अंक या समकक्ष ग्रेड प्राप्त की हो/उत्तीर्ण की हो।
- हिताधिकारी की पत्नि को छात्रवृत्ति की पात्रता के लिए उसकी आयु 35 वर्ष से अधिक न हो तथा शिक्षण संस्था में नियमित अध्ययनरत हो।
- किसी वर्ष के लिए छात्रवृत्ति सुसंगत परीक्षा उत्तीर्ण कर लेने पश्चात् ही देय होगी।
- ग्रीष्म अवकाश के बाद शिक्षण/प्रशिक्षण संस्था खुलने पर छात्र/छात्रा द्वारा आगामी कक्षा में प्रवेश प्राप्त करने पर ही छात्रवृत्ति की पात्रता होगी। परन्तु 12वीं कक्षा, डिप्लोमा, स्नातक अथवा स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम की अन्तिम परीक्षा उत्तीर्ण करने की स्थिति में आगामी कक्षा में प्रवेश लेना आवश्यक नहीं होगा।
- अधिनियम की धारा 17 तथा नियम, 2009 के नियम 45 के प्रावधानानुसार जो हिताधिकारी लगातारएक वर्ष की कालावधि तक अंशदान जमा नहीं करता है तो वह हिताधिकारी नहीं रहेगा, अतः ऐसे अंशदान के जमा कराने में चूक करने वाले निर्माण श्रमिक के पुत्र/पुत्री/पत्नि को योजना के अंतर्गत छात्रवृत्ति देय नहीं होगी। परन्तु उपरोक्त धारा एवं नियम के परन्तुक के अधीन हिताधिकार पुनर्स्थापन (Restoration) होने पर छात्रवृत्ति का भुगतान किया जायेगा।